सुना है मेरा दिल दुखाएगा
दोस्त है दोस्ती निभाएगा
वो आंखों में शर्म रखता है
सिर झुकाकर ही कतराएगा
भीड़ में वो एहसान कर देगा
नज़रें मिलीं; तो मुस्कराएगा
दर्द का मेरा जब सफ़र होगा
अलविदा कहने ही वो आएगा
याद रखना वो कहेगा मुझे
और वो मुझको भूल जाएगा
- अशोक जमनानी
वो आंखों में शर्म रखता है
सिर झुकाकर ही कतराएगा
भीड़ में वो एहसान कर देगा
नज़रें मिलीं; तो मुस्कराएगा
दर्द का मेरा जब सफ़र होगा
अलविदा कहने ही वो आएगा
याद रखना वो कहेगा मुझे
और वो मुझको भूल जाएगा
- अशोक जमनानी