Loading...
गुरुवार, अप्रैल 21, 2016

सिंहस्थ : अशोक जमनानी




सिंहस्थ

अमृत्व तत्व शुभस्थ है 
सिंहस्थ है - सिंहस्थ है 

यह चरण मंगल आचरण 
यह चेतना पथ जागरण 
यह मुक्त मिथ्या आवरण 
यह अमर का है प्रिय वरण 

अगम्य गम्य करस्थ है 
 सिंहस्थ है - सिंहस्थ है 

प्रणति सृष्टि प्रमोदिनी 
शुभ संत पंथ प्रबोधिनी 
है बोध कारिणी योगिनी 
त्रिनेत्र स्वस्ति सुलोचिनी 

मांगल्य मूल ग्रहस्थ है 
सिंहस्थ है - सिंहस्थ है 

हे काल कारण शं स्वयं 
हे सर्व काल अयन अयं 
हे धूर्जटि हे भस्म प्रिय 
हे महाकाल शिवं शिवं     

सर्वत्र सर्व शिवस्थ है 
सिंहस्थ है - सिंहस्थ है 
अशोक  जमनानी 

 
TOP