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शनिवार, जनवरी 31, 2015

नर्मदा यात्रा : 48 : अलीगंज

नर्मदा यात्रा : 48 :  अलीगंज 







दूधी संगम से आगे बढ़ते हैं  तो उत्तर तट पर एक गाँव हैं अलीगंज। नर्मदा घाटी में मुस्लिम शासकों के इतिहास की आहट सन 1234 से सुनायी देती है जब दिल्ली की सत्ता अल्तमश के आधीन थी। उसके बाद अलादीन ख़िलजी ने मालवा पर आक्रमण किया। नर्मदा का उत्तर तट विंध्याचल के साथ-साथ चलता है और इस क्षेत्र पर कई सदियों तक मुस्लिम शासकों का प्रभाव रहा लेकिन मराठों के आगमन साथ यह प्रभाव क्षीण होने लगा और इतिहास के पन्नें कुछ नई दास्तानें सुनाने लगे। पर उन सब बीती बातों का रिश्ता अब भी कई नामों से है। मेरे अपने शहर होशंगाबाद का नाम कभी नर्मदापुर था जिसे हुशंगशाह की विजय ने होशंगाबाद कर दिया। आज़ादी के बाद कहा गया कि मुल्क धर्म निरपेक्ष होगा और सत्ता भी धर्म निरपेक्ष होगी। कितने हुए  यह तो  बताना जरा मुश्किल है पर अलीगंज के नर्मदा तट पर अखंड सीता राम भजन होता है। अलीगंज की ज़मीन पर सीता राम सुनकर नर्मदा शांत चित्त होकर ठहर जाती है और नर्मदा तट पर हरी धरती से मिलता साँझ का गेरुआ आकाश बहुत  सुन्दर लगता है !!        
- अशोक जमनानी 


 
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