Loading...
सोमवार, जनवरी 19, 2015

नर्मदा यात्रा : 42 आमोद- हीरापुर : हिरण संगम






नर्मदा यात्रा : 42 आमोद- हीरापुर : हिरण संगम
































नर्मदा के उत्तर तट पर नर्मदा में मिलने वाली नदियों में एक प्रमुख नदी है -हिरण।  विंध्याचल के अद्भुत विस्तार और सौंदर्य को समेटे आमोद और हीरापुर बहुत छोटे गाँव हैं लेकिन प्रकृति के सौंदर्य के लगभग अछूते अध्याय भी हैं। एक मत के अनुसार यही आदि शंकराचार्य की दीक्षा स्थली है। यहाँ एक गुफा को उनकी तपस्थली माना जाता है। आदि शंकराचार्य की दीक्षा नर्मदा तट पर हुई इस पर सभी  विद्वान सहमत हैं लेकिन स्थान को लेकर मत भिन्नता है। जो भी हो उनका लिखा नर्मदाष्टक पूरे नर्मदा क्षेत्र में गया जाता है और इस अष्टक में वे नर्मदा को अनूठा नाम देते हैं - महेश केशजा। विंध्याचल के जटाजूट स्वरूप धारी वन प्रांतर को देखकर उनका दिया यह सम्बोधन सार्थक हो  उठता है। यहाँ नर्मदा वनजा है, महेश केशजा है।  किनारे की पहाड़ियों पर बसा हीरापुर देर तक रुकने के लिए विवश करता है पर नर्मदा  कहती है मेरी तरह चलते रहो - बस चलते रहो। मैं भी चल पड़ा मन ही मन गाते  हुए आदि शंकराचार्य की अमृता …


अहोSमृतं स्वनं श्रुतं महेश केशजातटे
किरात सूत वाडवेषु पण्डिते शठे नटे
दुरन्त पाप ताप हारी सर्व जंतु शर्मदे
त्वदीय पाद पंकजम् नमामि देवि नर्मदे   …


- अशोक जमनानी      
 
TOP