होशंगाबाद।
संगीत की दुनिया
में भी
माफिया सक्रिया
हैं। इससे
संगीत के
क्षेत्र में
मिलने वाले
सम्मान प्रभावित
हुए हैं।
इस कारण
प्रतिभाओं को भी उभरने का
मौका नहीं
मिला है।
यह पीड़ा
हर संगीतकार
के दिल
में है,
लेकिन वे
जुबान पर
नहीं ला
पा रहे
हैं। यह
बात प्रसिद्ध
संतूर वादक
पदम विभूषित
पंडित भजन
सोपोरी ने
शनिवार को
कही। वे
स्पिक मैके
द्वारा आयोजित
"
विरासत"
कार्यक्रम में
होशंगाबाद आए थे। इस दौरान
उनके साथ
प्रसिद्ध तबला
बादक प्रदीप
कुमार सरकार
भी मौजूद
थे। पं.
सोपोरी ने
कहा कि
देश में
जितने भी
प्रख्यात पुरस्कार
दिए जा
रहे हैं।
उनकी सीबीआई
जांच होना
चाहिए। माफिया
राज के
कारण ही
प्रतिभाएं सम्मान से अछूती रह
जाती हैं,
जो सम्मान
के हकदार
हैं,
उन्हें
सम्मान नहीं
मिलता। सम्मान
चयन के
लिए गठित
ज्यूरी मे
ही माफिया
बैठे हैं।
वे मानमाने
तरीके से
चहेतों को
सम्मानों से
नवाजते हैं।
इस समस्या
से निबटने
के लिए
देश में
एक सांस्कृतिक
आंदोलन की
जरूरत है।
उन्होंने बताया कि
संतूर का
इतिहास ढाई
हजार वर्ष
पुराना है।
शाही दौर
में इस
वाद्ययंत्र से ही जलतरंग बजाकर
राजा-महाराजाओं
को सूर्योदय
के समय
जगाया जाता
था। संतूल
में बदलाव
का दौर
56 साल पहले
शुरू हुआ।
इसमें तारों
की संख्या
में कमी
आई है।
बाकी उसके
स्वरों में
कोई बदलाव
नहीं आया
है।
सौजन्य:-राजस्थान पत्रिका