नर्मदा यात्रा : 51 : माछा
नर्मदा अब होशंगाबाद जिले में प्रवेश कर चुकी है। नर्मदा ने जिस भूमि को सर्वाधिक दिया उसमें होशंगाबाद जिला भी शामिल है। अभी कुछ दिनों पूर्व ही समाचार आया कि यह जिला अब प्रति हेक्टेयर कृषि उत्पादन करने में पूरे विश्व में प्रथम स्थान पर है। यह अद्भुत संयोग है कि किसी देह में जिस स्थान पर पेट होता है वैसे ही नर्मदा की धारा की देह में ठीक उदर स्थान पर होशंगाबाद है और नर्मदा ने इस उदर स्थान को अन्न समृद्ध करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। माछा एक छोटा-सा गाँव है और सुन्दर मंदिर और धर्मशाला नर्मदा तट पर ही हैं। क्षेत्र की समृद्धि धर्म स्थानों पर चल रहे आयोजनों में भी झलकती है। वहां चल रहे भंडारे में व्यंजनों की तादाद कुछ अधिक थी। मन और उदर तृप्त हुए तो मैं देर तक सोता रहा। एक बात समझ में आयी कि जैसे भूखे भजन नहीं होते वैसे ही ठूंस-ठूंस कर भरे पेट भी भजन नहीं करते।
वे सो जाते है।
मेरा होशंगाबाद भी सोया हुआ है …
- अशोक जमनानी
नर्मदा अब होशंगाबाद जिले में प्रवेश कर चुकी है। नर्मदा ने जिस भूमि को सर्वाधिक दिया उसमें होशंगाबाद जिला भी शामिल है। अभी कुछ दिनों पूर्व ही समाचार आया कि यह जिला अब प्रति हेक्टेयर कृषि उत्पादन करने में पूरे विश्व में प्रथम स्थान पर है। यह अद्भुत संयोग है कि किसी देह में जिस स्थान पर पेट होता है वैसे ही नर्मदा की धारा की देह में ठीक उदर स्थान पर होशंगाबाद है और नर्मदा ने इस उदर स्थान को अन्न समृद्ध करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। माछा एक छोटा-सा गाँव है और सुन्दर मंदिर और धर्मशाला नर्मदा तट पर ही हैं। क्षेत्र की समृद्धि धर्म स्थानों पर चल रहे आयोजनों में भी झलकती है। वहां चल रहे भंडारे में व्यंजनों की तादाद कुछ अधिक थी। मन और उदर तृप्त हुए तो मैं देर तक सोता रहा। एक बात समझ में आयी कि जैसे भूखे भजन नहीं होते वैसे ही ठूंस-ठूंस कर भरे पेट भी भजन नहीं करते।
वे सो जाते है।
मेरा होशंगाबाद भी सोया हुआ है …
- अशोक जमनानी