नर्मदा यात्रा : 4 : दमगढ़ - पकरीसोढ़ा
कपिल धारा से पहाड़ के रास्ते चलें तो दमगढ़ के बाद पहला गाँव पड़ता है - पकरीसोढ़ा । यह गाँव इसलिए ख़ास लगता है क्योंकि यहाँ नर्मदा पहाड़ से उतरकर पहली बार मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करती है। दमगढ़ से पकरीसोढ़ा के बीच नर्मदा का घुमावदार प्रवाह अद्भुत है और मैं इस अद्भुत सौंदर्य को जब कैमरे में क़ैद कर रहा था तभी एक आदिवासी मेरे पास आया और उसने बहुत ही रूखे स्वर में पूछा कि मैं तस्वीरें क्यों खींच रहा हूँ। मैंने उसे बताया कि अपनी कहानियों के लिए मैं नर्मदा यात्रा कर रहा हूँ और जहाँ ज़रूरी है वहां की तस्वीरें भी खींच लेता हूँ। इस बीच उसके कई साथी भी दूर खड़े होकर मुझे घूर रहे थे। जंगल के उस अपरिचित वातावरण में उनका व्यवहार मुझे कुछ चिंतित तो कर गया लेकिन कुछ देर की बातचीत ने उस आदिवासी का विश्वास सूत्र मेरी बातों से जोड़ दिया। चलते वक़्त मैंने उससे पूछा कि वो तस्वीरें खींचने पर परेशान क्यों था ? तब उसने जो पूछा उसे मैं जीवन भर नहीं भूल पाऊंगा। उसने पूछा ' साहब, सच-सच बताना यहाँ बाँध तो नहीं बनेगा न ?' उसकी यह बात जब-जब ध्यान में आती है तब-तब सोचता हूँ कि क्यों बेहद मुश्किलों से भरे जंगल में आदिवासियों को किसी ख़तरनाक जानवर से डर नहीं लगता लेकिन ' बाँध ' से डर लगता है !!!!!
- अशोक जमनानी
कपिल धारा से पहाड़ के रास्ते चलें तो दमगढ़ के बाद पहला गाँव पड़ता है - पकरीसोढ़ा । यह गाँव इसलिए ख़ास लगता है क्योंकि यहाँ नर्मदा पहाड़ से उतरकर पहली बार मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करती है। दमगढ़ से पकरीसोढ़ा के बीच नर्मदा का घुमावदार प्रवाह अद्भुत है और मैं इस अद्भुत सौंदर्य को जब कैमरे में क़ैद कर रहा था तभी एक आदिवासी मेरे पास आया और उसने बहुत ही रूखे स्वर में पूछा कि मैं तस्वीरें क्यों खींच रहा हूँ। मैंने उसे बताया कि अपनी कहानियों के लिए मैं नर्मदा यात्रा कर रहा हूँ और जहाँ ज़रूरी है वहां की तस्वीरें भी खींच लेता हूँ। इस बीच उसके कई साथी भी दूर खड़े होकर मुझे घूर रहे थे। जंगल के उस अपरिचित वातावरण में उनका व्यवहार मुझे कुछ चिंतित तो कर गया लेकिन कुछ देर की बातचीत ने उस आदिवासी का विश्वास सूत्र मेरी बातों से जोड़ दिया। चलते वक़्त मैंने उससे पूछा कि वो तस्वीरें खींचने पर परेशान क्यों था ? तब उसने जो पूछा उसे मैं जीवन भर नहीं भूल पाऊंगा। उसने पूछा ' साहब, सच-सच बताना यहाँ बाँध तो नहीं बनेगा न ?' उसकी यह बात जब-जब ध्यान में आती है तब-तब सोचता हूँ कि क्यों बेहद मुश्किलों से भरे जंगल में आदिवासियों को किसी ख़तरनाक जानवर से डर नहीं लगता लेकिन ' बाँध ' से डर लगता है !!!!!
- अशोक जमनानी