नीलकंठ जाग जाग
सर्व सर्व राग जाग
मन्त्र मूल धूर्जटे हे
तप अनंत त्याग जाग
विरक्त हे शुभांग जाग
मुक्त भ्रांत-भाव जाग
काल आदि काल अंत
काल महा काल जाग
अनहद दिक् दिक् दिगंत
सर्व सर्व राग जाग
मन्त्र मूल धूर्जटे हे
तप अनंत त्याग जाग
विरक्त हे शुभांग जाग
मुक्त भ्रांत-भाव जाग
काल आदि काल अंत
काल महा काल जाग
अनहद दिक् दिक् दिगंत
नाद सृजनार्थ जाग
शिव शिवा शिवत्व संग
अखंड मंगलार्थ जाग
-अशोक जमनानी