संस्कृति और संवाद
राजा मानसिंह कला विश्वविद्धयालय ग्वालियर में संस्कृति से जुड़ाव रखने वाले अनेक लोगों के साथ संवाद का एक अवसर मेरी उस धारणा को पुष्ट करने वाला ही सिद्ध हुआ कि हमारा समाज आज भी अपनी संस्कृति से जुड़ाव की हर एक कोशिश का स्वागत करता है। लगभग तीन घंटे तक चले इस संवाद में ढेर सारे सवालों के जवाब देने पड़े पर श्रोताओं के उत्साह ने कभी भी थकने नहीं दिया। इस कला विश्वविद्धयालय से जुड़े डाक्टर धीरेन्द्र सिंह चंदेल के स्नेह से परिपूर्ण आतिथ्य ने पूरे दिन को एक ऐसे दिन में बदल दिया जिसे मैं सदैव याद रखना चाहूँगा।
-अशोक जमनानी