सभी पाठक दोस्तों का सबसे पहले तो मेरे इस ब्लॉग तक आने के लिए धन्यवाद.बाकी आनंद है. मेरे दोस्त मानिक के कहने और दुनियादारी की तर्ज़ पर सोचा कि कुछ ब्लॉग व्लोग पर काम किया जाएँ, तो बस बना लिया है ब्लॉग. पता नहीं कितना लिख पाउँगा.मगर इरादे तो नैक हे ही.
अभी तक की ज़िंदगी में बहुत लिखा और पढ़ा भी ,मगर ये ब्लॉग के ज़रिये में अपने पाठको और मित्रों से और भी ज्यादा बड़े रूप में जुड़ पाउँगा.कुछ तीन उपन्यास लिखे है,बीके भी हैं.उनकी भी कहानी कहूंगा आहिस्ता आहिस्ता.स्पिक मेके जैसे बड़े आन्दोलन से जुडाव बना रखा है.थोड़ा बहुत अपने पुरखों का व्यापार भी करता हूँ.मगर समय निकाल लेता हूँ.चलो आपके साथ ये सफ़र भी तय कर लिया जाय .फिलहाल इतना ही. बाकी बाद में. अपना ख़याल रखना.
आपका अपना
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